शहीद से लिपटा तो तिरंगा भी खून के अश्क़ रो पड़ा। शहीद से लिपटा तो तिरंगा भी खून के अश्क़ रो पड़ा।
यही तो है जिसे ज़िन्दगी का सफर है माना। यही तो है जिसे ज़िन्दगी का सफर है माना।
जिस मोड़ पे मिलना तय था तेरा, उस मोड़ तलक हम आ पहुँचे। जिस मोड़ पे मिलना तय था तेरा, उस मोड़ तलक हम आ पहुँचे।
समय के चलते चलतेहालात बदलते बदलतेये कहाँ आ गये हम समय के चलते चलतेहालात बदलते बदलतेये कहाँ आ गये हम
और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...
स्वच्छ बनायें। स्वच्छ बनायें।